अपने घर छोटे कमरे से गूढ उद्योग कसे शुरू करे How To Start Jaggery Udhyog At Home .

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अपने घर छोटे कमरे से गूढ उद्योग कसे शुरू करे
अपने घर छोटे कमरे से गूढ उद्योग कसे शुरू करे
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अपने घर छोटे कमरे से गूढ उद्योग कसे शुरू करे

 

दोस्तों आप सभी को गुड क्या होता है ओर उसके क्या फायदे होते हैं |इसकी आपको कुछ तो जाणकारी होगी | पर दोस्तों आज के is Post में हम बात करेगी की गुड उद्योग कैसे शुरू किया जाता है | वह भी अपने छोटे कमरें मे तो दोस्तों हमारे देश साथ बने रहे | इसकी पुरी जाणकारी हम आज के इस पोस्ट मे हम देणे हा रहे है | पहेले के जमानेमे गुड का इसत्माल हर कोई करता था | चाहे वह चाय हो या मिठाई हर मिठे चीजो मे गुड का इसतमाल किया जाता था| पर जब से शक्कर का इसतामाल हम करणे लगे हैं तब से हमने गुड का इसमाल करणं बंद कर दिया हैं | पर आज भी गुड का इसमल कुछ पदार्थ मे किया जाता है ,पर मै कहू तो शककर का istamal  से जो साईड इफेक्ट हमारे शरीर पर होते हैं उससे बहुत कम effect  आज के time होता है। इस कारण गुड का इस्तमाल हमारे लिये फायदे का होगा |

  अपने घर छोटे कमरे से गूढ उद्योग कसे शुरू करे  how to Start  jaggery udhyog at home .

 

 गुड उद्योग की बात करे तो इसमे आपको बहुत ज्यादा investment करने की भी जरुरत नहीं है । इसे आप अपने घर के बाहर अगर जगह है तो भी इसे आप स्टार्ट कर सकते हो । आज के पोस्ट मे बताउगा कैसे आपको इसे स्टार्ट करणं हैं ओर उसके लिये कोणसे raw material की आवश्यकता होगी । ओर   इसकी marketing की भी जानकारी हम दैग। गुड़ यह प्राकृतिक प्रक्रिया से बनाया जाने वाला पदार्थ होने के कारन इसका उपयोग औषोधी प्रक्रिया में भी किया जाता है। भारत के क्षेत्रों में जहा गन्ने की खेती ज्यादा की जाती है वह पर यह एक देहाती उद्योग हो सकता है।  आज शक्कर कारखानों की निर्मिति होने से पहले सर्व प्रथम इस उद्योग को प्राधान्य दिया जाता था। गुड़ को स्थानिक ग्राहक मिलाने के वजह से इसकी मार्केटिंग करने की जरुरत नहीं पड़ती। यह ग्रामीण उद्योग होने के कारन इसके लिए मनुष्यबल भी सहज उपलब्ध होता है। जिसके पास कुढ़ की थोड़ी बहुत खेती है उन्हें यह उद्योग शुरू कर लेना चाहिए। गुड़ उद्योग को ग्रामीण भाग में “गुड़घर ” भी कहा जाता है।

गुड़ बनाने की प्रक्रिया दो तरह से की जाती है।  इन दोनों तरीके से गुड़ उत्पादक किया जाता है।  आज के इस पोस्ट में हम निचे दोनों तरीके के बारे में बताने जा रहे है। 

१) गुड़ बनाने का रासायनिक तरीका 

 गुड़ बनाने के तरीके में दोनों तरीके शामे है मगर दोनों तरीके में इसमें जो यह रासायनिक तरीका दिया है उसमे आपको केमिकल का इस्तेमाल को किया जाता है।  तो दोस्तों इसमें जो प्रदार्थ मिक्स किये जाते है उस आधार पर वह रासायनिक और प्राकृतिक तरीका तय किया जाता है। सायनिक पदार्थ का उपयोग करके किया जाता।  काहली का रस उबलने के बाद उसमे भिंडी पावडर मिक्स की जाती है ,उसके बाद एरंड तेल मिक्स करने के बाद उसमे चुना मिक्स किया जाता हैं।  उबले के बाद उसमे ठंडा होने के बाद उसमे टीसी सी पावडर ,सम्राट पाउडर , गुलशन पावडर इसमें से कोई एक पाउडर मिक्स की जाती है।  इस तरह से यह एक रासायनिक पदार्थ होते है।  इस कारन इनको रासायनिक प्रक्रिया से तैयार किये गुड़ कहा जाता है। 

२) सेंद्रिय प्रकारके गढ़ बनाए की प्रक्रिया 

  इस प्रक्रिया को सेंद्रिय प्रक्रिया इस कारन कहा जाता है की इसमें कोई भी रासायनिक पदार्थ मिक्स नहींकिया जाता है। इसमें सिर्फ भिंडी पाउडर , चुना और एरंड पाउडर का इसतमाल किया जाता है। इस कारन इसे केमिकल विरहित गुड़ कहा जाता है। 

* गुड़ बनाने की प्रक्रिया 

 गुड़ बनाने की पक्रिये को जाने के लिए आपको यह दयँ रखना पड़ेगा की गुड़ बनाने से पहले आपको उसके रॉ मटेरियल को अछेसे साफ करना जरुरी होता है। आपको उसे (गन्ने ) को आपको एक छोटी से मशीन की जरुरत होगी। उसको आपको किसीभी ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से खरीद सकते है। उस मशीन का उपयोग करके उस गन्ने के रस निकला जाता है।  उस रस ो एक कढ़ाई में लिया जाता है। उसके बाद उसे कड़ाई में उबला जाता है।  गन्ने का रास निकलने के बाद उसमे जो छिलके बचते है उसे खुले हेति में सुखाकर उससे रस को उबला जाता है।  यानि उसे जलाकर उससे रस को उबलने का काम अत है। उस रस को उबालने पंध के बाद पंधरा बिस मिनिट के बाद उसमे मल पावडर , भिंडी पावडर ,एरंड पावडर ,, चुना फार्मूले के हिसाब से उसमे मिक्स किया जाता है। उबलने की प्रक्रिया २ से ३ घंटे होने के बाद उसमे टी सी पी पावडर , सम्राट पावडर ,गुलशन पावडर इसमें से कोई एक पावडर को मिक्स किया जाता है। उसके बाद उसमे काकवी  तैयार की जाती है।  उसके बाद उसमे परमिटेड एसिड मिक्स किया जाता है। ककवी कुछ समय कई बार हिलाई जाती है। काकावी गाढ़ी होने के बाद मे डाला जाता है। वह मिश्रण को ठंडा होने के बाद निकला जाताहै।  और उसे मार्केट में पैकिंग करके भेजा जाता है। 

* ईमारत की आवश्यकता 

 इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए आपको छोटी जगह की जरुरत होती है।  सिर्फ इसको आपको मशीन रखने के लिए और गन्ने को रखने के लिए आपको जगह की जरुरत होगी यह जगह आपको १२ x १२ जरुरत होगी।

इसके लिए आप अपने गांव की जगह का उपयोग कर सकते ह या आप छोटी जागर भाड़े से भी ले सकते है। मगर यद् रखे की अपने जो जगह ली है वह जहा इसका रॉ मटेरियल मिलता है।  उससे नजिक हो अगर आपकी जगह ही दूर होगी तो आप खर्च बनाने का बढ़ेगा।  और आप गुड़ की कीमत मार्किट से ज्यादा रखोगे ओट आपके गुड़ को ग्राहक नहीं मिलेगे। 
 

* मशीन की आवश्यकता 

 इस बिज़नेस को करने के लिए एक छोटी मशीन की आवश्यकता होती है।  यह मशीन आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन भी खरीद सकते है।  यह आपको ऑनलाइन इंडिया मार्ट के साइट पर भी मिल जाएग और amazon की साइट पर भी मिल जाएगी , उसकी लिंक आपको निचे मिल जाएगी।

 

 


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* Raw Material रॉ मटेरियल 

 इस बिज़नेस को सिर्फ मुख्य गन्ने का रस ही लगत है।  उसके बाद उसमे भिंडी पावडर ,एरंड पावडर ,मल पावडर ,सम्राट पावडर ,गुलशन पावडर ,टी सी पी पावडर , ईंधन इत्यादि चीजों को गरज होती है। गन्ने को किसीभी किसान से ले सकते हो।  बाकि का मटेरियल आपको बाजार से मिल जायेगा। 

* मार्केटिंग 

 हर किराना मॉल का दुकान आपका ग्राहक होगा।  और इसके साथ शॉपिंग मॉल ,सुपर मार्केट , ग्राहक भंडार इत्यादि स्थानों  पर मॉल बेच जा सकता है आप इसे हर दुकान पर जाकर रिटेल में बेच सकते है। 

 तो दोस्तों आशा करता हु की आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी।  पसंद आयी होगी तो इसे शेयर करे अपने दोस्तों के साथ।  और निचे दिए कीच पोस्ट आप। पढ़  सकते है। 

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